
जैसा की आप सब जानते हैं कि आधार कार्ड एक बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज है जिसका इस्तेमाल आजकल हर सरकारी और गैर सरकारी कामों में किया जाता है। आधार कार्ड हमारी एक पहचान है। लेकिन यदि आप अपनी उम्र बताने के लिए इसे प्रूफ में बताते हैं तो कोर्ट द्वारा बताई गई इस जानकारी को अवश्य पढ़ लें। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने नया फैसला सुनाते हुए कहा है कि आधार कार्ड का प्रयोग उम्र तय करने के लिए नहीं कर सकते हैं। आइए इस फैसले को लेने के पीछे मामले को जानते हैं।
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला एक सड़क दुर्घटना से जुड़े मुआवजे के मामले में लिया है। इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पीड़ित की आयु चेक करने के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल किया। जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया तो इसने हाई कोर्ट के इस फैसले को कैंसिल कर दिया है।
उम्र के लिए हैं ये रिकॉर्ड सही
इस मामले के बाद जस्टिस संजय करोल और सस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने बताया है कि यदि किसी व्यक्ति की उम्र जननी है तो उसके स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र को देखा जा सकता है।
UIDAI ने स्वयं कहा
कोर्ट ने जानकारी बताते हुए कहा है कि खुद आधार कार्ड बनाने वाली संस्था UIDAI ने अपने एक सर्कुलर में कहा है कि आधार कार्ड का उपयोग सिर्फ पहचान साबित करने के लिए किया जा सकता, यह जन्मतिथि का प्रमाण नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सही ठहराया
जानकारी के लिए बता दें यह मामला वर्ष 2015 का है जिसमे सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस मामले में मृतक व्यक्ति की उम्र तय करने के लिए मोटर दुर्घटना दावा न्यायधिकरण ने स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया था। इसे फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही बताया है।
हाई कोर्ट ने आधार कार्ड को माना सही
मामले में जिस व्यक्ति की मौत हुई थी उसके परिवार को MACT द्वारा 19.35 लाख का मुआवजा दिया गया था लेकिन हाई कोर्ट ने इसे कम करके 9.22 लाख रूपए किया। यह गलती इसलिए हुई क्योंकि हाई कोर्ट ने मृतक की उम्र आधार से तय करके 47 साल बताई थी जबकि MACT ने मृतक के स्कूल रिकॉर्ड को चेक करके 45 साल उम्र बताई थी। इसके बाद परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, कि उन्होंने हाई कोर्ट की बात मानकर बहुत बड़ी गलती की।